पटना, फरवरी 20 -- जिले में प्रखंड मुख्यालय से लेकर छोटे-छोटे बाजारों में सैकड़ों जगहों पर सड़क किनारे फलों की दुकानें सजती हैं। इससे हजारों परिवारों की आजीविका चलती है। फल व्यापारियों की पीड़ा है कि अतिक्रमण के नाम पर पुलिस प्रशासन की प्रताड़ना सहने की मजबूरी है। हर दो-तीन महीने में उन्हें हटा दिया जाता है। इससे उनके सम्मान के साथ सामान को भी नुकसान होता है। उनकी मांग है कि शहर में कोई फल मंडी बन जाए तो उनकी परेशानी कम हो जाएगी। जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक सड़क के किनारे फलों की दुकानें सजती हैं लेकिन आज तक फल दुकानदारों के लिए स्थाई दुकानें नहीं बन सकी हैं। फल दुकान बनाने के लिए प्रस्ताव की फाइल सरकारी दफ्तरों में ही सज कर रह जाती है। योजनाएं बनती रहीं और लोगों को उम्मीद भी जागती रही लेकिन एक बड़ा वर्ग हमेशा उपेक्षित रहा। जिला मुख...