औरंगाबाद, मई 25 -- जिले के जंगली क्षेत्र में बसे लोग जंगल से लकड़ी लाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। इनकी संख्या काफी है। लकड़ी का इस्तेमाल घर बनाने, फर्नीचर बनाने और अन्य उद्देश्यों के लिए होता है। लकड़हारा का पूरा परिवार सुबह घर से निकलकर जंगल की ओर जाता है और वहां से लकड़ियां लाकर बाजार में बेचते हैं। एक बंडल लकड़ी दो सौ से तीन सौ रुपए में बेचते हैं। इसी से उनके घर का खर्च चलता है। इस समुदाय के सदस्यों को जीवन भी कई कारकों से प्रभावित होता है। जलवायु, जंगल की उपलब्धता और बाजार की मांग इन्हें प्रभावित करता है। वे अक्सर जंगल में काम करते हैं जिससे उनके स्वास्थ्य के साथ दुर्घटना की आशंका बनी हुई रहती है। इस काम से जुड़े दशरथ सिंह भोक्ता, मनोज सिंह भोक्ता, रामकेश्वर, रामचंद्र मांझी, तुलसी भुइयां, सुरेश, वीरेंद्र, अमरेश, संजय आदि ने बताया कि हमा...