मैनपुरी, मार्च 8 -- एटा में महिलाओं की अभी भागेदारी कम है। राजनीतिक क्षेत्र हो अथवा सामाजिक क्षेत्र। सरकार को महिलाओं की भागेदारी और बढ़ानी चाहिए। महिलाए लगातार मेहनत कर रहे हैं। हर वर्ष जब भी परीक्षा परिणाम आते हैं तो बेटियों आगे ही रहती हैं। जितनी मेहनत से वे अपना काम करती हंै उस सापेक्ष में उन्हें भागेदारी नहीं मिल सकी है। राजनीतिक दल भी सिर्फ दिखावा ही करते हंै। चुनावों में महिला प्रत्याशियों की संख्या न के बराबर होती है। जिले में आधी आबादी के लिए अभी भी संसाधनों का अभाव है। बाजार में महिलाओं के लिए न पीने के लिए पानी है न ही शौचालय की व्यवस्था। हर वर्ष बेटियां बोर्ड की परीक्षाओं में अव्वल रहती हैं। 12वीं के बाद इन बेटियों के आगे की पढ़ाई के लिए संशाधन नहीं है। जिला मुख्यालय पर कोई भी महाविद्यालय तक नहीं है। अधिकांश बेटियों को स्नातक की...