एटा, नवम्बर 3 -- कोरोना काल में एटा को मिले करोड़ों रुपये के वेंटिलेटर कहां पर दफन है यह पता नहीं चल सका। सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से लोगों की जीवनदान देने के लिए इन वेंटिलेटर को खरीदा गया था। ऐसा लग रहा है कि यह मशीनें खुद भी सांस नहीं ले पा रही है। आज तक किसी की भी जान बचाने के काम नहीं आ सके। आज भी वेंटिलेटर की जब जरुरत होती है तो मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जा रहा है। इनको निकालने की जहमत कोई भी नहीं उठा पा रहा है। बोले एटा के तहत मरीजों से बात की तो एक स्वर में सभी ने कहा कि इनको निकालकर जीवनदान करने में उपयोग होना चाहिए। वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय को शुरू हुए चार वर्ष से अधिक हो गये हैं। अभी तक यहां पर आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधाएं मरीजों के लिए बहाल नहीं हो सकी है। इनके अभाव में ग...