उरई, फरवरी 16 -- उरई। रेलवे की सेवा कर रहे उरई में कर्मचारियों की सुख सुविधाओं में विभाग कंजूसी कर रहा है। इनको मिले आवास जर्जर हैं, बारिश में छतों से पानी टपकता है और दीवारों के प्लास्टर गिरते रहते हैं। इसके अलावा बेहतर इलाज की भी सुविधा रेलवे अस्पताल से नहीं मिल रही है। अस्पताल में न तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं और न ही पर्याप्त दवाएं। ये हालत तब है जब अमृत भारत योजना के तहत उरई स्टेशन का कायाकल्प करीब पांच करोड़ रुपये से किया गया है। उरई रेलवे कॉलोनी में रह रहे कर्मचारी डर के साये में हैं। कारण उनके आवास जर्जर हो चुके हैं। कब प्लास्टर उखड़कर गिर पड़ेगा यह डर लगा रहता है। दीवारों में दरार आ चुकी है और बारिश में छतों से टपकते पानी की वजह से रात में सो भी नहीं पाते। इसके अलावा इलाज के लिए रेलवे का अस्पताल तो है पर वहां अच्छे डॉक्टर नहीं हैं और न...