उरई, फरवरी 16 -- उरई। रात-दिन जान हथेली पर रखकर सवारियों को मंजिल तक पहुंचाने वाले रोडवेज बस चालक और परिचालकों की हालत दयनीय है। बस चालकों को सड़क पर खराब मौसम, जाम और बस में तकनीकी खराबी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। इसके बाद भी बस अड्डे पर सोने की जगह तो छोड़िए बैठने की भी जगह नहीं मिलती। साथ ही मानदेय भी नहीं तय है, जितने किलोमीटर बस चलाते हैं उतना ही मानदेय मिलता है। लोड फैक्टर पूरा न होने पर हर माह वेतन में कटौती कर ली जाती है। ले में सरपट दौड़ रहे डग्गामार वाहनों ने रोडवेज व्यवस्था को चौपट कर रखा है। परिवहन निगम के अफसरों की सख्ती के बाद भी हर माह लोड फैक्टर गिर रहा है। इससे चालक और परिचालकों के मानदेय से कटौती हो रही है। इतना ही नहीं चालक-परिचालक विभाग के नियमों में इतने जकड़े हैं कि नुकसान कोई भी हो, आधा जुर्माना इन्हीं से लिया जाता...