उरई, फरवरी 14 -- उरई। कोरोना काल के बाद से लोगों में सेहत के प्रति खासी जागरूकता बढ़ी है। योग और मार्निंग वॉक लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। शहरी क्षेत्र में वर्जिश के लिए पार्क को उपयुक्त माना जाता है, लेकिन दुर्भाग्य है कि एक -दो पार्कों को छोड़कर सभी बदहाल हैं। अधिकांश पार्कों में आवारा कुत्तों का झुंड भी रहता है, जो टहलने आने वाले लोगों के लिए हमेशा खतरा बने रहते हैं। बंदरों का भी आतंक कम नहीं है। पार्कों में हरियाली गायब है। स्ट्रीट लाइटें भी टूटी हैं। सेहत के लिए सुबह टहलना श्रेष्ठ माना गया है। खुली हवा में वर्जिश और शुद्ध हवा शरीर और फेफड़े को स्वस्थ रखता है। उरई जैसे जिले में भी बड़ी संख्या में लोग सुबह टहलने के लिए तो निकलते हैं पर बदहाल पार्कों की वजह से उन्हें उतना लाभ नहीं मिलता है जितना मिलना चाहिए। मॉर्निंग वॉकर लक्ष्मी ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.