उरई, मार्च 24 -- उरई। नौकरी की अनिश्चितता के बीच जूनियर हाईस्कूल में 206 अनुदेशक सेवाएं दे रहे हैं। अनुदेशक छात्रों को बेहतर शिक्षा ही नहीं दे रहे हैं बल्कि खेलों में भी दक्ष कर रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें नौ हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि मानदेय समय पर नहीं मिलता। जालौन के जूनियर हाईस्कूल के छात्रों का भविष्य बनाने की जद्दोजहद में लगे 206 अनुदेशकों को खुद सुरक्षित भविष्य की तलाश है। उनका कहना है कि काम तो पूरा लिया जाता है पर मानदेय सिर्फ नौ हजार रुपये मिलता है वह भी समय पर नहीं। अनुदेशकों के साथ परिषदीय शिक्षकों की तरह व्यवहार करना चाहिए। जिस तरह उनका वेतन समय से आता है, उसी तरह हमारा भी आना चाहिए। आखिर हम कब तक और किस-किस से अपनी पीड़ा बताएं। मेडिकल की सुविधा से वंचित रखा जाता है। आकस्मिक अवकाश भी गिने-चुने हैं। ...
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