उरई, मार्च 19 -- उरई। रेलवे के लिए रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले ट्रैकमैन यात्रियों की सुरक्षा के लिए 12-12 घंटे की ड्यूटी करते हैं। उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। रेलवे कॉलोनियों की स्थिति जर्जर है, जहां लोग सफाई, सुरक्षा और रोजमर्रा की जरूरतों को तरस रहे हैं। विभाग को न तो उनके सेहत की चिंता है और न ही सुख सुविधाओं की। पूरे सेक्शन में कहीं रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है। जान भी भगवान भरोसे है। ट्रैकमैनों ने 'हिन्दुस्तान से चर्चा कर रेलवे विभाग से मांग की है कि उन्हें सुरक्षा डिवाइस के साथ अन्य विभागों में काम करने का मौका दिया जाए। रेलवे के ट्रैकमैन यात्रियों की सुरक्षा के लिए अनवरत ड्यूटी कर रहे हैं। हर साल माल गाड़ियों और यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। इससे ट्रैकमैन का काम भी बढ़ रहा है। सुरक्षा का सबसे बड़ा ...