उरई, फरवरी 26 -- उरई। परिवहन निगम की बसों के मुकाबले हम कम किराए पर सवारियों को गंतव्य तक पहुंचातेे हैं। हर महीने सरकार को टैक्स देते हैं पर हमारी समस्याएं सुनने वाला कोई नहीं। हजारों परिवारों की रोजी-रोटी निजी बसों के सड़कों पर दौड़ने से चल रही है पर सहूलियतें नहीं मिल रही हैं। यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाना हमारा कर्तव्य है। बस मालिक, ड्राइवर और कंडक्टरों का कहना है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। गुहार लगाने के बाद भी वाजिब सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सड़कों पर गड्ढे, आए दिन चालान, बसें खड़ी करने के लिए उचित स्थल न होने से परेशान होते हैं। शिकायत के बावजूद समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। हर साल सड़कों पर दौड़ने वाली प्राइवेट बसों की संख्या कम होती जा रही है। हो भी क्यों न, दिक्कतें जो हो रही हैं। उरई के अलग-अलग रूटों पर लगभग 110 ...