उरई, फरवरी 17 -- उरई। हम नाविक हैं... सबकी नैय्या पार लगाना हमारा मूल काम है, लेकिन हमारी जिंदगी का खेवनहार कोई नहीं। सरकार से लोगों को मिलने वाली सुविधाएं मानों हमारे नसीब में नहीं हैं। मछुआ आवास जैसी योजना का सिर्फ नाम ही सुना है किसी को इसका लाभ मिला हो ऐसा कोई भाग्यशाली हमारे बीच नहीं है। हमें केवल और केवल बाढ़ के समय याद किया जाता है। प्रशासन से तरह-तरह के लाभ दिलाने के वादे कर मदद ली जाती है और काम निकलने के बाद लाभ के नाम पर ठेंगा दिखा दिया जाता है। तमाम तरह की समस्याओं से घिरे नाविकों का साफ तौर पर कहना है कि शासन और प्रशासन हमारी तकलीफों के प्रति कतई संजीदा नहीं है। हम नदी किनारे प्रहरी बनकर लोगों की जान बचाते हैं, लोगों को एक छोर से दूसरे छोर पहुंचाते हैं, लेकिन हमारी जिंदगी के छोर का कोई अता-पता नहीं है। मछुआ आवास योजना, मत्स्य ...