उरई, फरवरी 18 -- उरई। ग्रामीण और शहरी समाज में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने में खास भूमिका निभाने वाली आंगनबाड़ी कार्यक्त्रिरयों का मुख्य काम बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। यशोदा मां के दर्जे से नवाजी गईं इन महिलाओं की अपनी समस्याएं हैं। मुख्य कार्य के अलावा तमाम जिम्मेदारियां दी जाती हैं। इसके अलावा काम के घंटे भी तय नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्र में किराये के जर्जर भवन में चल रहे कई आंगनबाड़ी केंद्रों में हमेशा डर के साये में बच्चों को पढ़ाती हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अपनी कम आय और खराब कार्य परिस्थतियों को लेकर वर्षों से आवाज उठा रही हैं लेकिन समस्याओं का निपटारा तो दूर कोई सुनवाई तक नहीं हुई। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से कार्यक्त्रिरयों ने अपनी रोज की समस्याओं पर खुलकर बात की। आंगनबाड़ी संघ की जिलाध्...
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