उन्नाव, अप्रैल 10 -- बदलते दौर में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले अधिकांश स्कूल अभिभावकों के शोषण का जरिया बन गए हैं। तमाम कवायद के बाद भी अभिभावकों का आर्थिक और मानसिक शोषण खत्म नहीं हो रहा है। फिर भी हर मां-बाप अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाने की प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन, महंगाई के इस दौर में कई परिवार ऐसे हैं जो सब कुछ करने के बाद भी अपने मनचाहे स्कूल में बच्चों को शिक्षित नहीं कर पा रहे हैं। वजह है कि लोगों की आय से ज्यादा शिक्षा का महंगा होना। अब स्कूल संचालकों ने इसे व्यवसाय बना दिया है। इसके कारण महंगी पढ़ाई पढ़कर कुछ बनने के अरमान हर परिवार के बच्चों के सामने आसान नहीं हो रहे हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से अभिभावकों ने व्यवसाय बनती शिक्षा पर चिंता जताई है। सभी ने एकसुर में सरकार से इस पर नियंत्रण कसने की गुजारिश की है। जिले म...