उन्नाव, मार्च 24 -- अपनी मिठास और महक के कारण दुनियाभर में उन्नाव का आम पसंद किया जाता है। इसलिए बड़े पैमाने पर उत्पादन भी होता है, लेकिन अब तक आम पट्टी क्षेत्र में सरकारी मंडी की स्थापना नहीं की गई है। किसानों को अपनी उपज बिचौलियों के हाथों बेचनी पड़ती है। इससे उनके मुनाफे का काफी हिस्सा बिचौलियों के पास चला जाता है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से आम के किसानों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि करीब चार दशक पहले क्षेत्र को मैंगो बेल्ट घोषित किया गया था, लेकिन सुविधाएं अब भी कोसों दूर हैं। यदि सरकारी मंडी की स्थापना हो जाए और कीटों से बचाव के लिए प्रशिक्षण मिले तो आम के बगीचे खिल जाएंगे। सफीपुर, हसनगंज, औरास, फतेहपुर चौरासी और मियागंज क्षेत्र आम की पट्टी के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां लगभग 37 हजार हेक्टेयर में आम के बाग फैले हुए हैं...
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