उन्नाव, जून 16 -- ग्रामीण इलाकों में तालाब तो खोदे जा रहे हैं, लेकिन शहर के तालाबों की सुध नहीं ली जा रही है। सिविल लाइंस की पहचान बने केवटा तालाब पर मोहल्ले आबाद हो गए हैं। यहां बड़े-बड़े मकान बन गए हैं। पालिका में आज भी 13 से ज्यादा तालाब दर्ज हैं, लेकिन धरातल पर इनका कोई अता पता नहीं है। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान लोग बताते हैं कि सिविल लाइंस, कब्बाखेड़ा, लोकनगर के मकानों की जलनिकासी का प्रमुख स्रोत यह तालाब था। अभिलेखों में क्या दर्ज है, इस पर कोई सही जवाब नहीं दे रहा है। यह माना गया कि अब समय के साथ-साथ तालाब पर कब्जा हो गया। इसी वजह से जलभराव की समस्या आम बात है। पहले वर्षा जल का संचयन करने के लिए लगभग हर गांव में तालाब होते थे। मोहल्लों में जलनिकासी का दारोमदार भी इन्हीं पर रहता था। आम आदमी भी इनकी उपयोगिता को सम...