उन्नाव, फरवरी 14 -- खिलाड़ियों की नहीं, संसाधनों की कमी है। कहीं दौड़ने के लिए ट्रैक नहीं तो कहीं मैदानों के अभाव में प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। संसाधनों के अभाव के चलते वैश्विक फलक पर अपनी पहचान बनाने वाले क्रिकेटर कुलदीप यादव और अर्चना देवी ने कानपुर को अपनी कर्मभूमि बना लिया। उन्हें अगर यहीं सुविधाएं मिलतीं तो उन्नाव का नाम रोशन होता। खिलाड़ियों ने कहा कि उन्हें संबंधित खेलों के संसाधनों से लैस किया जाए ताकि घर, परिवार और समाज उनकी उड़ान देख सके। अधिकतर युवाओं की पहली पसंद खेल है। क्रिकेट के प्रति जुनून अलग ही है। एथलेटिक्स हो या फिर हॉकी और फुटबॉल हर खेल में युवा अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं। युवा खिलाड़ी मैदान में अपने भविष्य को तराश रहे हैं। खुद के साथ देश के भविष्य का निर्माण करना चाह रहे हैं पर संसाधनों की कमी तो कहीं आर्थिक रूप से कमजोर...
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