उन्नाव, फरवरी 17 -- संगीत एक साधना है, लेकिन जब सुरों को पंख देने वाले साधन ही न हों तो प्रतिभाओं का हौसला टूटने लगता है। हमारे जिले में भी संगीत की धड़कनें हैं, सुरों के सच्चे साधक हैं, लेकिन मंच और संसाधनों की कमी उन्हें आगे बढ़ने से रोक रही है। बॉलीवुड में अपनी पहचान बना चुके विशाल मिश्रा जैसे कई कलाकार इसी मिट्टी से निकले हैं, लेकिन उन्हें भी अपने सपनों को साकार करने के लिए बाहर का रुख करना पड़ा। उदीयमान कलाकारों ने आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एक सुर में कहा कि आज भी सैकड़ों प्रतिभाएं हैं जो संघर्ष कर रही हैं, लेकिन जिनके पास साधन नहीं, वे अपने सुरों को दबाने को मजबूर हैं। आखिर कब तक प्रतिभाएं संसाधनों की कमी की शिकार होती रहेंगी? कब मिलेगा इन उभरते कलाकारों को सही मंच? संगीत, वाद, वादन, नृत्य जैसी अनेकों अने...