उन्नाव, मार्च 31 -- पूंजी के अभाव में अपना पारंपरिक काम छोड़ नाई समाज मजदूरी कर रहा है। समय पर प्रशिक्षण और सरकारी मदद न मिलने के कारण मजबूरन अपना काम छोड़ना पड़ा। सेना, पुलिस और अन्य सरकारी नौकरियों में अन्य जातियों के लोग हावी हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से नाई समाज के लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पारंपरिक काम में सभी वर्गों के लोग आ गए हैं। पहले के समय घर-घर जाकर काम कर परिवार चलाते थे। अब आधुनिकता के दौर में सैलून का काम चलाने के लिए बड़ी पूंजी की जरूरत होती है, लेकिन हमें सरकार ओर से कोई मदद नहीं मिलती है। यदि सरकार ब्याज मुक्त लोन देकर आर्थिक मदद करे तो हम लोगों का भी शानदार सैलून का ख्वाब पूरा हो सके। नाई समाज के बिना जन्म से लेकर मरणोपरांत तक पारंपरिक रीति रिवाज अधूरे हैं। शुभ और अशुभ कार्य इनके बिना...
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