उन्नाव, फरवरी 17 -- अतिक्रमण हटाओ अभियान की जद में सबसे ज्यादा पटरी दुकानदार ही आते हैं। सजी-सजाई दुकान पलभर में उजाड़ दी जाती है। आज तो उनका कारोबार चल रहा है पता नहीं कल रहेगा या नहीं। उनकी दुकानें हटाएं तो यह भी बताएं कि आखिर वह इसे कहां ले जाएं। 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान पटरी दुकानदारों ने एकसुर में कहा कि उन्हें स्थायी दुकानें बनाकर दी जाएं। इसके लिए वह कोई भी टैक्स देने के लिए तैयार हैं। आए दिन उनका कारोबार उजड़ने से आर्थिक चोट पहुंचती है। पटरी दुकानदार, रेहड़ी और फेरीवालों की समस्याओं की कोई सुध नहीं ले रहा है। इससे वे खासा चिंतित भी हैं। स्थायी बाजार, प्रशासनिक कार्रवाई, जनकल्याणकारी योजनाएं न मिलने से अपनी जीविका चलाने तक में असमर्थ हैं। नगर परिषद के आंकड़ों में 3800 ठेला, रेहड़ी और फेरीवाले दर्ज हैं। गांधी नगर तिराहे, आवास विकास...