इटावा औरैया, फरवरी 26 -- योग सिखाने वाले प्रशिक्षकों की बुनियादी आवश्यकताएं तक पूरी नहीं हो पा रही हैं। सार्वजनिक योग केंद्र न बनने से छोटे से कमरे में योग कक्षाएं आयोजित करनी पड़ती हैं। इससे योग का अभ्यास सुविधाजनक तरीके से नहीं हो पाता। मनोज जैन ने कहा कि जगह मिल जाए तो योग साधना की सांसें चल पड़े। सही संसाधनों और स्थान की कमी होने से प्रशिक्षक अपना काम प्रभावी ढंग से नहीं कर पा रहे। कभी कंपनी गार्डन में प्रतिदिन लगने वाली योग कक्षाएं पिछले कुछ महीनों से बाधित हो गई हैं। दरअसल प्रशासन द्वारा यहां वाहन स्टैंड शुरू करने के साथ ही प्रवेश पर पांच रुपये शुल्क लिए जाने से योग प्रशिक्षक खासे नाराज हैं। योग साधकों की साधना में पड़े भंग को लेकर भारतीय योग संस्थान के जिला प्रधान प्रशिक्षक डॉ. श्रीकांत वर्मा का कहना है कि यह सांसों पर प्रतिबंध लगाने ...