इटावा औरैया, फरवरी 18 -- स्वास्थ्य विभाग की डोर संभालने वाली आशा बहुएं और संगिनी का काम करने वाली महिलाएं तमाम संकटों से जूझते हुए भी इटावा में सुरक्षित प्रसव के लक्ष्य को पूरा कर रही हैं। आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान आशा बहू विमलेश कहतीं हैं कि आशाओं की परेशानी की वजह खुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का योजनाओं का सही से क्रियान्वयन न करा पाना है। ज्ञापन देने और अधिकारियों से मुलाकात के बाद भी आशाओं की समस्याएं ज्यों की त्यों हैं। हर संकट में साथ देने वाली आशा बहुंओं का बीमा नहीं होता। सुमित्रा नंदिनी कहतीं हैं कि हम आशा बहुओं का कार्य ग्रामीण क्षेत्र में गर्भवती महिला को प्रसव के लिए सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाना और सुरक्षित प्रसव कराकर वापस घर छोड़ना होता है। लेकिन इस कार्य के लिए अल्प मानदेय दिया जाता है। कई बार इसके ...