इटावा औरैया, मार्च 18 -- मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव जिन्हें एमआर या फिर सेल्स प्रमोशन कर्मचारी भी कहा जाता है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में डॉक्टरों और दवा कंपनियों के बीच सेतु का काम करते हैं। नई दवाओं की खोज से लेकर पुरानी दवाओं में संशोधन तक की नवीनतम जानकारी डॉक्टरों से लेकर दवा बाजार तक पहुंचाते हैं लेकिन अपनी कंपनी व सरकारी अस्पतालों में वह खुद को उपेक्षित और शोषित महसूस करते हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी के समय उनके जाने पर रोक लगा रखी है। दवा कंपनियां मेहनत के हिसाब से वेतन भी नहीं दे रही हैं । स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कंपनी के मेडिकल और फार्मास्यूटिकल उत्पादों को बेचने और बढ़ावा देने का काम करते हैं साथ ही वह दवा कंपनी का प्रतिनिधित्व भी करते हैं । जिले में इस समय 354 मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव कार्यरत हैं लेकिनउनकी पीड़...