इटावा औरैया, फरवरी 21 -- आश्चर्य की बात है कि यहां बैनामा लेखकों के लिए बैठने की जगह तक नहीं है। तहसील के लिए नया भवन बनाया गया और पुराने भवन को खाली कर लिया गया। सुनील सिंह बताते हैं कि लगातार देख-रेख के अभाव के कारण पुराना भवन गिर गया और भवन जिस स्थान पर बना था वहीं उसका मलबा फैल गया। यह अव्यवस्था करीब छह महीने से चली आ रही है अभी किसी का ध्यान इधर नहीं गया है । अशुंमान कुदेशिया का कहना है कि मलबा फैल जाने के कारण पहले जिस स्थान पर स्टांप वेंडर तथा बैनामा लेखक बैठा करते थे अब उस जगह पर बैठने की कोई जगह ही नहीं है। तहसील के अंदर मलबा फैला होने के कारण अब जो थोड़ी सी जगह बाकी है उसी में किसी तरह बैनामा लेखक बैठते हैं और वहीं पर अपना काम करते हैं । समस्या सिर्फ यह नहीं है कि इन्हीं लोगों को बैठना है। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में वादकारी ...