इटावा औरैया, फरवरी 27 -- इटावा में महात्मा ज्योतिबा फुले स्पोर्ट्स स्टेडियम कब्जे से भी जूझ रहा है। खिलाड़ियों को समर्पित मैदान के मुख्य दरवाजे के पास कपड़े सूखाए जाते हैं। पास ही में सर्कस का सामान पड़ा रहता है। खिलाड़ी इंद्रजीत ने बताया कि स्टेडियम आने पर पहले हम लोग इस समस्या से दो-चार होते हैं। फिर स्टेडियम में प्रवेश करते ही प्रशिक्षकों की कमी अखरती है। अधिकारियों से मांग करने पर जल्द प्रशिक्षक मिलने का आश्वासन देते हैं, पर तैनाती नहीं हो पाती। सलमान बताते हैं कि प्रशिक्षकों का अनुभव न मिल पाने से कड़ी मेहनत के बाद भी पदक जीतने से खिलाड़ी चूक रहे हैं। खिलाड़ी गौरव भदौरिया ने बताया कि अन्य जिलों से भी खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने आते हैं। इनमें से कई ऐसे हैं जो बिना अनुमति के प्रशिक्षण लेते हैं। खिलाड़ी रोकते हैं तो यह लोग मारपीट को उतारू हो जाते है...
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