आजमगढ़, फरवरी 13 -- आजमगढ़। इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन ने उनके कारोबार पर खासा असर डाला। दुकानदारी प्रभावित हुई जबकि निजी स्कूलों में कॉपी-किताब और स्टेशनरी के सामान खरीदने की बाध्यता ने तो उनकी कमर ही तोड़ दी है। इस वजह से उनका कारोबार सिकुड़ता जा रहा है। रही सही कसर जीएसटी के अफसर पूरा कर दे रहे हैं। स्टेशनरी कारोबारियों का कहना है कि जांच के नाम पर जब तब उन्हें परेशान किया जाता है। शहर में ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था भी ठीक नहीं है। इन समस्याओं से वे निजात चाहते हैं। शहर के बड़ादेव मोहल्ले में 'हिन्दुस्तान से संवाद के लिए जुटे स्टेशनरी व्यवसायियों ने कारोबारी दिक्कतों पर विस्तार से चर्चा की। इसी मोहल्ले के निवासी मनीष रतन अग्रवाल और महेशचंद्र अग्रवाल का स्टेशनरी का पुश्तैनी कारोबार है। उन्होंने बताया कि स्टेशनरी के सामानों-रबर, पेंसिल, कटर, स्क...