आजमगढ़, अप्रैल 1 -- आजमगढ़ जनपद अपने दंगल केसरियों के लिए जाना जाता रहा है। यहां की मिट्टी में पहलवानी का जुनून है। यही वजह है कि यहां सुखदेव पहलवान के नाम पर स्टेडियम का निर्माण कराया गया। यह बात दीगर है कि यहां नवोदित रेसलरों के लिए सुविधाएं नाम मात्र की हैं। एक छोटे से हॉल में एक मैट पर दर्जनों पहलवानों को एक समयसीमा के भीतर ही दांव-पेच आजमाने की अनुमति है। इसके लिए महिला पहलवानों को दस से बीस किमी तक साइकिल चलाकर आना पड़ता है। छात्रावास तो स्टेडियम के लिए 20 वर्ष पहले बन गया, अब तक हैंडओवर नहीं हो सका। सुखदेव पहलवान स्टेडियम में 'हिन्दुस्तान से बातचीत में प्रीती यादव ने बताया कि नीबी में घर के समीप स्थित अखाड़े में कुछ लड़कियां आती हैं, लेकिन अभ्यास का मौका नहीं मिल पाता है। अभी कक्षा दस में ही हूं। अगर सुखदेव पहलवान स्टेडियम में छात्...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.