आजमगढ़, फरवरी 17 -- नर्सिंग अफसर और वार्ड ब्वाय चिकित्सा सेवा की 'रीढ़ माने जाते हैं। सही मायने में वही अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के इलाज और देखभाल की जिम्मेदारी उठाते हैं। नर्सिंग अफसरों और वार्ड ब्वाय में जितने स्थायी हैं, उनके अधिक अस्थायी या आउटसोर्सिंग स्टाफ की संख्या है। फिर भी मंडलीय अस्पताल में मरीजों की संख्या के हिसाब से उनकी संख्या कम है। काम के बोझ तले दबे ये स्वास्थ्यकर्मी कम मानदेय, सरकारी आवासों के अभाव और दूसरी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। तनाव, चिड़चिड़ापन के वे भी शिकार हैं। शहर के हर्रा की चुंगी स्थित मंडलीय अस्पताल में 'हिन्दुस्तान के साथ हुए संवाद में नर्सिंग ऑफिसर, सहायक नर्सिंग आफिसर, वार्ड ब्वॉय और आया ने एक-एक कर अपनी समस्याएं गिनाईं। नर्सिंग ऑफिसर पूनम ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में आम तौर पर एक नर्सिंग...