आगरा, अप्रैल 9 -- आगरा। प्रतिस्पर्द्धा के लिए महज हुनर होना काफी नहीं है। संयम एवं अनुशासन के साथ यदि हुनर को तराशा जाए तो लक्ष्य की ओर कदम स्वत: ही बढ़ने लगते हैं। और इस राह में किसी की प्रेरणा भी मिल जाए तो कहना ही क्या। अपने आगरा में हुनर की कहीं कमी नहीं। ऐसे खिलाड़ी भी हैं जो लक्ष्य को पाने के लिए पसीना बहा रहे हैं। लेकिन उनकी यह मेहनत वो करिश्मा नहीं कर पा रही जिसकी देश और समाज को आवश्यकता है। अधिकतर की शिकायत है कि पर्याप्त सुविधाएं न मिलने से वे करियर में अपेक्षित सफलता नहीं पा सके। आपके अखबार हिन्दुस्तान के साथ संवाद में जूडो और कराटे सीख रहे खिलाड़ियों ने कहा कि खेल के मैदान पर पारदर्शिता बरते जाने की जरूरत है। तभी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को उनका मुकाम मिल पाएगा। आगरा में जूडो कराटे का इतिहास दशकों पुराना है। आज भी स्टेडियम औ...