आगरा, अगस्त 22 -- ग्रामीण अंचल और कस्बों में खाद वितरण की रीढ़ माने जाने वाले फुटकर खाद विक्रेताओं की भी समस्याएं हैं। उनको खाद निर्माण कंपनियों की मनमानी, प्रशासनिक दबाव और सैंपलिंग का सामना करना पड़ता है। इसे वे एकतरफा कार्रवाई बताते हैं। अब उन्होंने ग्रामीण कृषि व्यापार संघ का भी गठन किया है। सरकार से काफी उम्मीदें हैं। उनका मानना है कि फुटकर खाद विक्रेताओं से भेदभाव रोका जाए। उनको सुविधा और संरक्षण मिलना चाहिए तभी कारोबार में संपन्नता आएगी। बोले आगरा संवाद में संगठन के अध्यक्ष सुखवीर सिंह राना ने कहा कि हम व्यापारी हैं। कोई अपराधी नहीं। हम केवल वह खाद बेचते हैं जो कंपनियों द्वारा हमको उपलब्ध कराई जाती है।फिर जब कोई सैंपल फेल होता है तो कार्रवाई केवल फुटकर दुकानदार पर क्यों? यह अन्याय है। हम अब इसे चुपचाप सहन नहीं सहेंगे। संवाद के दौरा...