आगरा, सितम्बर 13 -- शहर में दौड़ रही सिटी बसों की स्टीयरिंग संभालने वाले चालकों की गृहस्थी की गाड़ी पटरी से उतर रही है। उन्हें हर दिन 8 से 10 घंटे की ड्यूटी तो देनी पड़ती है लेकिन तनख्वाह कभी टाइम से नहीं मिलती। बस चालकों को वेतन मिलने में कभी दो, तो कभी तीन से चार महीने लग जाते हैं। सुविधाएं भी न के बराबर हैं। यह लोग अपने हालातों की वजह से बेहद परेशान हैं। संवाद कार्यक्रम में सिटी बस चालकों ने आपके अखबार हिन्दुस्तान के समक्ष अपनी परेशानियां रखीं। कहा कि समय से वेतन नहीं मिलने से परेशानी होती है। राशन लाने के साथ बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो जाता है। परेशान चालकों ने वेतन समय से प्रदान किए जाने की मांग की। बस की स्टीयरिंग थामकर सवारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने वाले चालक अपने सपनों की मंजिल से दूर हैं। उनके हाथों में तो बस की लगाम है ले...
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