आगरा, सितम्बर 29 -- शारदीय नवरात्रों में घर-घर मां आदिशक्ति के सभी नौ स्वरूपों की पूजा की जा रही है। समाज को बदलने में कामकाजी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं। घर के अंदर मां बनकर जिम्मेदारियां निभा रही हैं, तो न्याय के मंदिर में ये देवियां कानून के ज्ञान से पीड़ितों को इंसाफ दिला रही हैं। मजबूर, बेबस महिलाओं का साथ देकर उन्हें सशक्त बना रही हैं। संवाद कार्यक्रम में महिला अधिवक्ताओं ने आपके अखबार हिन्दुस्तान के साथ वकालती पेशे से जुड़े अनुभव साझा किए। कहा कि ये पेशा नारी शक्ति का आत्मबल बढ़ाता है। अपने अधिकारों का ज्ञान कराता है। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता बनना गर्व की बात है। इस पेशे से जुड़कर आप सच का साथ दे सकते हैं। निर्दोष को बचाने के लिए कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ सकते हो। आधुनिक युग में हर व्यवसायिक क्षेत्र में महिलाओं की सह...