आगरा, फरवरी 25 -- सैंया (आगरा), हिन्दुस्तान संवाद। आशा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ी चिकित्सा सेवाओं को जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। लोगों की सेहत का ख्याल रखने वाली इन आशाओं की अपनी तमाम दुश्वारियां हैं। सबसे बड़ा मसला मानदेय का है। आशाओं का कहना है कि उन्हें कार्य की अपेक्षा काफी कम वेतन मिलता है। उन्होंने सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिए जाने की मांग की है। अपनी समस्याओं को लेकर वे कई बार अधिकारियों से शिकायत कर चुकी हैं, धरना-प्रदर्शन कर चुकी हैं और उच्च स्तर पर पैरवी भी कर चुकी हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत आशाएं लंबे समय से अपनी मांगों को उठा चुकी हैं। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आशाओं की पीड़ा है कि बहुत ही न्यूनतम मानद...