आगरा, मई 4 -- आगरा। शादी का एक अहम हिस्सा हलवाई होते हैं जो अपनी मेहनत और कौशल एवं अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से दावत में जान डाल देते हैं। अकसर उनके प्रयास रंग लाते हैं। दावतों के कारण ही लोगों को शादियों की याद बनी रहती है। अपना सर्वस्व लगाने वाले यह हलवाई शादियों की लेट लतीफी से बहुत परेशान हैं। स्वाद के इन कारीगरों का मानना है कि शादी की दावत देर तक चलने के कारण उनकी ड्यूटी का समय अगले दिन सुबह खत्म होता है। उस समय तक अगली शादी का समय आ जाता है। अनिद्रा एवं परिवार से दूरी के कारण वे अपने जीवन को अंधकारमय मानते हैं। कई दशकों से लोगों के दावत के शौक को पूरा करने में जी जान से जुटे हलवाई कहते हैं। जिन परिवारों में शादियां होती हैं, उनसे बात करके देखिए। वे एक रात सो न पाने के कारण कई दिन तक परेशानी का अनुभव करते हैं। जो वैवाहिक आयोजन से जुड़े...