आगरा, नवम्बर 12 -- इस बार ताज नगरी में किन्नू का मिनी पंजाब उजड़ रहा है। किसानों की मेहनत और उम्मीदें दोनों मुरझा गई हैं। कीमतों में आई बड़ी गिरावट ने किसानों को झकझोर दिया है। आर्थिक तंगी से परेशान किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी हो रही हैं। किन्नू की खेती करने वाले 5000 किसानों को 15 साल के इतिहास में कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। नाबार्ड के तहत आने वाले किन्नू बीएच आगरा एफपीओ के सीईओ अजय तोमर ने दावा किया है कि इस साल किन्नू की कीमतों में आई भारी गिरावट से किसानों को लगभग 10 करोड़ रुपये के नुकसान होने का अनुमान है। बरौली अहीर, फतेहाबाद, बाह में लगभग 1200 हेक्टेयर में लगभग चार लाख क्विंटल किन्नू की पैदावार हो रही है। इसलिए इन बगानों को किन्नू का मिनी पंजाब भी कहा जाने लगा है। किसानों को पिछले साल किन्नू का भाव 15 रुपये से 17 रु...
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