आगरा, मई 1 -- एक मई यानी मजदूर दिवस। हर कार्य में मजदूरों की जरूरत पड़ती है। लेकिन उनकी समस्याओं की ओर किसी का ध्यान नहीं। मजदूर दिवस पर भी मजदूरों के हक और अधिकारों की बात की की जाती है। रैलियां निकाली जाती हैं। गोष्ठियां आयोजित होती हैं। लेकिन अमल नहीं होता है। स्थिति यह है कि दिहाड़ी मजदूरों को महीने में पूरे तीस दिन कार्य नहीं मिलता है। खाली हाथ घर लौटते हैं। मजदूरी के दौरान किसी हादसे का शिकार हो जाएं तो मुआवजे की कोई व्यवस्था नहीं है। बीमा, आयुष्मान योजना का कोई लाभ उन्हें नहीं हैं। अकोला ब्लाक, बिचपुरी ब्लाक और बरौली अहीर ब्लाक में दिहाड़ी मजदूर आगरा ग्वालियर हाइवे स्थित रोहता चौराहा, आगरा-जगनेर मार्ग पर मलपुरा चौराहा और अकोला बाजार में सुबह काम की आस में जुटते हैं। उन्हें कभी काम मिलता है तो कभी पूरे दिन खाली हाथ। इन दिहाड़ी मजदूर...