आगरा, फरवरी 22 -- आगरा। चांदी उद्योग में आगरा का वर्चस्व रहा है। इसी वजह से देश के प्रमुख चांदी आयातक सेंटरों में आगरा शुमार था। यहां बनने वाले चांदी के उत्पाद देश के विभिन्न हिस्सों में तो बिकते ही हैं, अब मुंबई-दिल्ली के रास्ते उनका निर्यात भी हो रहा है। कुछ मशीन, कुछ कारीगरी की बदौलत आगरा के उत्पाद देश भर की मंडियों में धाक रखते हैं। चांदी की कारीगरी की बदौलत सालाना हजारों करोड़ के कारोबार की इमारत खड़ी हो गई। इसके बावजूद आगरा का यह उद्योग सरकारी प्रोत्साहन हासिल नहीं कर पाया। चांदी की चमक के पीछे रहने वाले ताज नगरी के हजारों हुनरमंद हताश हैं। उन्हें खुद के चेहरे की चमक का इंतजार है। मुगलकाल से देश और दुनिया में अपने हुनर की चमक बिखेर रहे इन कारीगरों का जीवन हताशा और निराशा के बीच फंसा है। जीवन में सुनहरी सुबह का सपना देखना भी इन्होंने...
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