अल्मोड़ा, मार्च 3 -- रानीखेत। अंग्रेजों के बसाई रानीखेत नगरी में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। निरंतर गिरते व्यावसाय से जहां व्यापारी परेशान हैं, वहीं लावारिस जानवरों का आतंक, पटरी से उतरी यातायात व्यवस्था और नगर का सौंदर्यीकरण नहीं होने पर्यटन व्यावसाय भी प्रभावित हो रहा है। लोगों ने जल्द ही गठित होने वाली व्यापार मंडल कार्यकारिणी से तमाम समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष करने की मांग की है। प्राकृतिक सौंदर्य का धनी रानीखेत अंग्रेजों को बेहद पसंद था, इसीलिए उन्होंने 1869 में यहां छावनी की बसाई। उस वक्त जरूरी बाजार ही मुख्य बाजार हुआ करती थी। ऐरोली, किलकोट, पंतकोटली, चौकुनी, मंगचौड़ा, पन्याली, पिलखोली सहित आसपास के ग्रामीण इसी बाजार पर निर्भर रहते थे। आजादी के बाद वर्तमान सदर बाजार मुख्य बाजार बनाई गई। यहां खासी चहल पहल रहती थी। बड़ा इलाका...
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