अयोध्या, अगस्त 21 -- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू किए जाने के पूर्व व्यापारियों और कारोबारी के साथ आम उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन यह उम्मीद पर बहुत कुछ ज्यादा खरी नहीं उतरी। जिसके कारण लागू होने के कुछ समय बाद से ही व्यापारी और कारोबारी वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी का विरोध करने लगे। विपक्षी दलों ने तो जीएसटी को गब्बर टैक्स का नाम दे दिया था। समय-समय पर वस्तु एवं सेवा कर परिषद की बैठक होती है और इसमें प्रक्रियागत समस्याओं के साथ बाजार और व्यापार को सुचारू बनाए रखने के लिए जीएसटी की दरों पर विचार होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की 79 वीं वर्षगांठ पर जीएसटी के अगले चरण अर्थात जीएसटी दो की घोषणा की है। पीएम की इस घोषणा से लोगों में एक बार फिर राहत मिलने की आस जगी है। अयोध्या। लाल किले से 15 अगस्त को प्रधानमंत...