अयोध्या, नवम्बर 4 -- बोले बेमौसम बारिश बनी काल धान की आधी फसल बर्बाद गांव में बुजुर्ग हमेशा से यही कहते आ रहे हैं कि खेती एक कच्चा सौदा होता है। जब तक फसल कटकर घर न आ जाय तब तक इसे अपना नहीं समझना चाहिए। उनका ये कथन आज के समय में भी बिल्कुल सटीक बैठ रहा है। उनके इस कथन पर अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में चक्रवातीय तूफान के असर से हुई बारिश ने मुहर लगा दी है। गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। खेत मे कटी पड़ी धान की फसल जहां सड़ने के कगार पर पहुंच गई है वहीं खेत में खड़ी धान की फसल में कंडुआ जैसे रोग लगने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। गुरुवार को हुई बारिश के बाद किसानों को उम्मीद थी कि अगर शुक्रवार को मौसम साफ हो जाएगा तो उनकी गिरी हुई धान की फसल को सूखने में मदद मिलेगी। पेश है बोले हिन्दुस्तान टीम की एक रिपो...