अयोध्या, जुलाई 20 -- दृष्टि बाधित होना किसी भी छात्र के जीवन में बेहद संघर्षपूर्ण हो जाता है। उस पर सामाजिक व सरकारी उपेक्षा के कारण दृष्टि बाधितों के जीवन को तनाव पूर्ण भी बना देता है। उनमें भी यदि दिव्यांगता लड़कियों के साथ है तो जीवन और दुरुह हो जाता है। परिवार पर निर्भरता इनकी सबसे बड़ी मजबूरी और कमजोरी दोनों ही बन जाती है। उनकी समस्याओं को दर्शाती हिन्दुस्तान बोले टीम की एक रिपोर्ट... अयोध्या। कहते हैं ऊपर वाला यदि कुछ छीनता है तो कुछ उन्हें विशेष देता भी है। शायद यही कारण है प्रज्ञा चक्षु बच्चों का संकल्प संघर्ष करते -करते दृढ़ हो जाता है जो उन्हें लक्ष्य तक पहुंचाने में मददगार होता है। इन प्रज्ञा चक्षु विद्यार्थियों का कहना है कि दृष्टि बाधितों व दिव्यांगो को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए। इसके साथ सरकारी नौकरियों के लिए...