अंबेडकर नगर, अक्टूबर 4 -- आर्थिक रूप से कमजोरों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण व शहरी मील का पत्थर साबित हो रही है। कच्चे घर व झोपड़ी में रहने वालों का पक्के आवास में रहने का भी सपना पूरा हो रहा है। वैसे तो योजना का बेहतर तरीके से पात्रों को लाभ दिलाए जाने का दावा जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे परे है। सबसे अधिक समस्या ग्रामीण क्षेत्र के पात्रों को हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क समस्या के चलते पात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने में कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, आवेदन के बाद आगे की प्रक्रिया के बारे में भी स्पष्ट जानकारी पात्रों को नहीं हो पाती। इसके चलते उन्हें जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती है। कुछ पात्र ऐसे भी होते हैं, जो योजना के तहत राशि तो ले लेते हैं, लेकिन आवास...