अंबेडकर नगर, नवम्बर 14 -- परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा का माहौल दिए जाने के दावे तो बढ़ चढ़कर किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर तस्वीर कुछ अलग ही है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग डेढ़ दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जिनके ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रहे हैं। ऐसे तार लगातार हादसे को दावत दे रहे हैं। लगभग 300 से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां बाउंड्रीवॉल ही नहीं है। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक ऐसे विद्यालय हैं, जहां चहारदीवारी तो है, लेकिन वह क्षतिग्रस्त है। इससे अक्सर छुट्टा जानवर परिसर में पहुंच जाते हैं। उस समय तो और भी असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जब मध्याह्न भोजन के समय कोई आवारा पशु परिसर में पहुंच जाता है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था न होने से बारिश होने की दशा में परिसर में जलभराव हो जाता है। इसके अलावा कई स्कूल ऐसे ...