अंबेडकर नगर, सितम्बर 29 -- जिले में रामलीला की महत्ता अभी भी कायम है। ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में रामलीला जैसी परंपरा को सहेजने व उसके आदर्शों को आत्मसात करने के लिए अलग अलग समय पर मंचन होता है। हालांकि व्यावहारिक तौर पर कई दिक्कतें भी इसमें पेश आती हैं। एक तरफ जहां कलाकारों का अभाव होता जा रहा है तो वहीं आर्थिक तौर पर मुश्किलें आयोजन में व्यवधान उत्पन्न करती हैं। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी चंदा व पदाधिकारियों के सहयोग से रामलीला का आयोजन हो रहा है। सरकारी स्तर पर आर्थिक मदद समितियों के पदाधिकारियों को नहीं मिलता है। कई समितियां तो ऐसी हैं, जो जरूरी संसाधनों से जूझ रही हैं। स्थानाभाव के चलते कई स्थानों पर रामलीला का मंचन ही बंद हो गया। मंचन में भाग लेेने वाले कलाकारों को न तो सम्मानित किया जाता है और न ही उन्हें मंचन के बदले धनराशि...