अंबेडकर नगर, अगस्त 7 -- नाम बड़े और दर्शन छोटे, यह कहावत जिला अस्पताल पर सटीक बैठती है। बेहतर व सस्ते इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को यहां तगड़ा झटका लग रहा है। पर्चा व दवा काउंटर की संख्या मरीजों की संख्या की तुलना में कम होने के चलते मरीजों व तीमारदारेां को कई प्रकार की दिक्कत उठानी पड़ती है। इलाज से पहले पर्चा बनवाने के लिए उन्हें लंबी लाइन में लगने को मजबूर होना पड़ता है। जिला अस्पताल में शतप्रतिशत दवा न मिलने से भी मरीजों को आर्थिक समस्या झेलनी पड़ती है। चिकित्सकों का ओपीडी में विलंब से पहुंचना और समय से पहले ही ओपीडी छोड़ देना उनकी आदत में शुमार हो गया है। शुगर किट अक्सर समाप्त रहती है, जिससे शुगर की जांच के लिए मररीजों को इधर उधर की दौड़ लगाना पड़ता है। इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों को ओपीडी से प...