अंबेडकर नगर, सितम्बर 8 -- किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने व आय में वृद्धि करने के लिए परंपरागत खेती के अलावा वैकल्पिक खेती किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है। यह अलग बात है कि इसे जमीनी हकीकत जिले में नहीं मिल पा रही है। केला, मशरूम, हल्दी, सर्पगंधा, ड्रैगन फ्रूट, केला, आम, अमरुद व फूल समेत कई अन्य प्रकार की व्यावसायिक खेती तो किसान कर रहे हैं, लेकिन उन्हें इसे बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग से अधिक सहयोग नहीं मिल रहा है। अनुदान की राशि न तो समय पर मिलती है और न ही आवश्यकतानुसार। इसके अलावा लोन के लिए बार बार किसानों को संबंधित बैंक से लेकर विभाग के कार्यालय तक की दौड़ लगानी पड़ती है। पेश है हिन्दुस्तान बोले टीम की दशा व दिशा पर ...
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