अमरोहा, फरवरी 1 -- निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों में भारी आक्रोश है। निजीकरण का फैसला वापस लेने और तमाम अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी लंबे समय से मुखर हैं। सुनवाई नहीं होने से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। हालांकि पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की अभी कोई चर्चा नहीं है। लेकिन सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए अगला नंबर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम का आने की अटकलों के बीच निगम के अधिकारी-कर्मचारी भी दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। अफसर-कर्मचारियों के मुताबिक पश्चिमांचल निगम से निजीकरण वाले क्षेत्र में तबादला किए जाने के बाद उन्हें भी निजीकरण से होने वाली दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जिले में करीब 600 स्थायी के अलावा 200 संविदा समेत 800 अधिकारी-कर्मचारियों पर निजीकरण की तलवार लटक र...