बुलंदशहर, अक्टूबर 10 -- दीपावली पर मिट्टी के दीयों की मांग बढ़ गयी है। ऐसे में प्रजापतियों के लिए सही मिट्टी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है। जिले में कुम्हारों को मिट्टी भाड़े पर लानी पड़ रही है। इसके साथ ही तैयार दीयों और मिट्टी की अन्य वस्तुओं को बाजार तक पहुंचाने में भी मशक्कत करनी पड़ती है। जरा सी असावधानी पर दीये टूटने का डर बना रहता है। बारिश के कारण खराब हुई सड़कें और जलभराव उनके लिए मुसीबत बन गयी है। मिट्टी की प्रतिमाएं, दीये-दियाली आदि के व्यवसाय में मुनाफे के लिए कोई विशेष सरकारी योजना प्रजापतियों के लिए मददगार साबित नहीं हो रही है। प्रजापति चाहते हैं कि उन्हें मिट्टी खरीदनी न पड़े और इससे जुड़े समान भी आसानी से मिल जाएं, जिससे दिक्कत न हो। प्रजापति अपने उत्पाद सीधे दुकानदारों तक पहुंचा नहीं पाते हैं। यहां पर भी वह बिचौलियों के शोषण का श...