नई दिल्ली, जून 20 -- रणथंभौर टाइगर रिजर्व की जानी-मानी और निडर बाघिन टी-84 उर्फ 'एरोहेड' का गुरुवार को निधन हो गया। एरोहेड ने रणथंभौर के जोगी महल इलाके के पास अंतिम सांस ली। वन विभाग की टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम किया और फिर राजबाग क्षेत्र में उसका अंतिम संस्कार किया गया। वन अधिकारियों के मुताबिक, एरोहेड पिछले डेढ़ साल से बोन ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। इसके बावजूद उसने न केवल जीवन की जंग लड़ी, बल्कि अपने शावकों का पालन-पोषण भी किया। बाघिन की उम्र करीब 16 वर्ष बताई जा रही है, जो कि बाघों के औसत जीवनकाल के अनुसार एक लंबा समय माना जाता है। एरोहेड की पहचान सिर्फ रणथंभौर तक ही सीमित नहीं थी, वह वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के बीच भी एक विशेष स्थान रखती थी। उसने जोन 2, 3, 4 और 5 में लंबे समय तक अपना दबदबा बनाए रखा...