मुख्य संवाददाता, नवम्बर 13 -- उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के अस्पतालों में तैनात बॉन्ड वाले डॉक्टरों को पीजी की अनुमति तीन साल की सेवा के बाद मिलेगी, जबकि सरकारी नौकरी ज्वाइन करने वाले मेडिकल अफसरों के लिए भी दो साल की सेवा अनिवार्य होगी। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहाड़ के अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर तैनात किए गए हैं, लेकिन बॉन्ड वाले कई डॉक्टरों के अनुपस्थित रहने की शिकायतें मिलती हैं। ऐसे में अब एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल से बाहर रहने वाले बॉन्ड डॉक्टरों के खिलाफ बॉन्ड उल्लंघन की कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी अस्पतालों में एक दिसंबर से बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य होगी। इसकी मॉनीटरि...