हल्द्वानी, नवम्बर 26 -- हल्द्वानी। सरकारी बांड से पढ़ाई कराने के बावजूद उत्तराखंड में सेवा देने से बच रहे सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी है। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बांड के तहत पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों के सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में नियुक्ति के लिए शासन स्तर पर गठित कमेटी से इन पर आवश्यक निर्णय लेने के लिए पत्र लिखा है। मेडिकल कॉलेज सूत्रों के अनुसार, हर साल लगभग 60 डॉक्टर पीजी (एमडी/एमएस) की पढ़ाई पूरी करते हैं। यह पढ़ाई बांड के तहत होती है जिसमें पढ़ाई के बाद इन डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज में अपनी बांड में निर्धारित समय के अनुसार सेवाएं देनी होती है। और बांड तोड़ने की स्थिति में हर्जाना (करीब ढाई करोड़) देना तय होता है। पीजी की पढ़ाई के बाद करीब 20 प्रतिशत यानी 10-12 डॉक्टर आगे सुपर स...